उत्तराखंड में तेजी से केस भी बढ़ रहे हैं जो कि बेहद चिंताजनक है। केस बढ़ने के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।
देश भर में कोविड ने कोहराम मचा रखा है। उत्तराखंड में भी कोरोना के कारण लोग डर के साये में जीने पर मजबूर हैं। उत्तराखंड में तेजी से केस भी बढ़ रहे हैं जो कि बेहद चिंताजनक है। केस बढ़ने के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने सभी जिलाधिकारियों को ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचाव को लेकर दिशानिर्देश निर्देश दे दिए हैं। वहीं राज्य सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने बचाव एवं सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जाने के निर्देश भी जारी दिए हैं। अगर उत्तराखंड में इसी तरह कोविड के मामले बढ़ते रहे तो शादी व अन्य सार्वजनिक समारोह या अंत्येष्टि में शामिल होने वालों की संख्या को सीमित कर दिया जाएगा। इसी के अलावा पहले के जैसे ही कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे और भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोविड प्रोटोकॉल के तहत बंदिशें भी लागू होंगी। फिलहाल उत्तराखंड में कोई भी कंटेन्मेंट जोन नहीं बना है मगर इसी तरह केस बढ़ते रहे तो कंटेन्मेंट जोन बनाए जाएंगे जहां पर लोगों के निकलने पर बंदिशें रहेंगी और दुकानें भी बंद रहेंगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएससंधू ने सभी जिलाधिकारियों को ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचाव को लेकर निर्देश दिए हैं। राज्य सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने बचाव एवं सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जाने के भी निर्देश जारी दिए हैं। उन्होंने सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जारी निर्देशों का पालन करने एवं जिलाधिकारियों को रोकथाम के उपाय एवं प्रतिबंधों का अनुपालन करने को कहा है।
उन्होंने जिलाधिकारियों को उनके जिलों में कोविड के मामलों पर लगातार नजर बनाए रखने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर कोविड मामले बढ़े तो नाइट कर्फ्यू, अधिक भीड़ एकत्र होने पर प्रतिबंध, विवाह और अंत्येष्टि में संख्या कम करना, कार्यालयों, उद्योगों और सार्वजनिक परिवहन में संख्या सीमित करने जैसे कदम उठाए जाएंगे। इसी के साथ उन्होंने विदेश से आए यात्रियों पर खास निगरानी रखने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड हर तरह की परिस्थिति से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश के साथ कोविड वैक्सीनेशन, मास्क पहनने, सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने के साथ ही सैनिटाइजेशन के ऊपर भी जोर दिया है। हालांकि ओमिक्रोन डेल्टा के जितना घातक नहीं है मगर यह डेल्टा से कई गुना अधिक संक्रामक है और बहुत तेजी से फैलता है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि उत्तराखंड में न्यू ईयर का जश्न मनाने बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचेंगे और न्यू ईयर के बाद कोरोना बढ़ने की पूरी-पूरी संभावनाएं नजर आ रही हैं। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो एक बार फिर से उत्तराखंड में कोरोना आउट ऑफ कंट्रोल हो सकता है।